सोमवार, 4 अक्तूबर 2010

पत्रकारिता

बड़े  लोगों से मधुर सम्बन्ध बनाने वाले पत्रकारिता के सबसे बड़े दुश्मन होते हैं वे समाज का नहीं केवल अपना हित करते हैं .

बुधवार, 29 सितंबर 2010

आदत

आप कितने भी बड़े हो जाओ कुछ आदत कभी नहीं जाती .
जैसे-हवाई जहाज की आवाज सुनकर आकाश की ओर नजर दौड़ ही जाती है 

शनिवार, 25 सितंबर 2010

ईमानदारी

ईमानदारी तभी सार्थक होगी जब हिम्मत भी साथ रहे,बुजदिलों की ईमानदारी किस काम की.

बुराई

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बुराई समझाकर ख़त्म नहीं की जा सकती वह तो आत्मपरिवर्तन से  ख़त्म होती है !
यही वजह है की राम को रावण और कृष्ण को कंस को मारना पड़ा !